मध्य पूर्व एक बार फिर उबाल पर है। अमेरिका ने ईरान के गुप्त सैन्य ठिकानों पर अत्याधुनिक बंकर बस्टर बमों से हमला कर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इस हमले को हाल के वर्षों का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से सबसे उन्नत सैन्य हमला माना जा रहा है।
बंकर बस्टर बम विशेष रूप से ऐसे ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाए जाते हैं जो ज़मीन के भीतर गहराई में या पहाड़ों के बीच बनाए गए होते हैं। ये बम मजबूत कंक्रीट को भेदकर भीतर तक घुसते हैं और वहाँ विस्फोट करते हैं। अमेरिका के पास जीबीयू-57 (GBU-57) जैसे उन्नत बंकर बस्टर हैं, जिनका वजन लगभग 14 टन होता है और ये 200 फीट तक ज़मीन के नीचे विस्फोट कर सकते हैं।
ईरान पर हमला क्यों?
सूत्रों के अनुसार, ईरान द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम को गुप्त रूप से फिर से तेज़ करने और प्रतिबंधित मिसाइल परीक्षणों की जानकारी मिलने के बाद अमेरिका ने यह कदम उठाया। रिपोर्टों के मुताबिक़, अमेरिका ने इस हमले को “रोकथाम की कार्रवाई” बताया है।
किन ठिकानों को बनाया गया निशाना?
हमले में ईरान के इस्फ़हान, क़ोम, और यज़्द क्षेत्रों में स्थित गुप्त सैन्य प्रयोगशालाओं और अंडरग्राउंड परमाणु केंद्रों को निशाना बनाया गया। ये सभी ठिकाने पहाड़ियों के भीतर बने हुए थे, जिन्हें पारंपरिक बमों से नष्ट कर पाना मुश्किल था।
“यह हमला हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी था। ईरान की गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ थीं।”
अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया कि उसका इरादा व्यापक युद्ध शुरू करना नहीं है, लेकिन यदि ईरान ने जवाबी कार्रवाई की तो अमेरिका “तैयार” रहेगा।
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान सरकार ने इस हमले को “सीधा युद्ध उकसाने वाला कृत्य” बताया है। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा है कि वे इस “आक्रामकता” का उचित और समय पर जवाब देंगे। तेहरान में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की।
वैश्विक प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र (UN): संघर्ष से बचने की अपील की।
रूस और चीन: अमेरिका की कार्रवाई की आलोचना।
इज़राइल: अमेरिका का समर्थन किया और इसे “आवश्यक कार्रवाई” बताया।
भारत: शांति और बातचीत से मसले का समाधान निकालने की अपील की।
यह हमला न केवल अमेरिका-ईरान संबंधों को और खराब करेगा, बल्कि मध्य पूर्व में स्थायित्व और तेल आपूर्ति को लेकर भी चिंता बढ़ा सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह हमला भविष्य के एक बड़े संघर्ष का संकेत भी हो सकता है।